नव वर्ष पर नवगीत “कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें*
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें
देकर बीता साल जा रहा।
और समय की आकांक्षा ले,
देखो नूतन साल आ रहा।
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मन की डाली पर अब नित ही
कोमल कोंपल फूट रही है।
बीती बातों की अमिट लेख
खुद ही हमसे छूट रही है।
कोरोना का काला साया
दुनिया में बेचाल छा रहा।
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें
देकर बीता साल जा रहा।।
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आओ लिख लें गीत नया अब।
सबकी खबर रखेगा बस रब।।
नये वर्ष का करें स्वागतम्,
मौसम भी नवगीत गा रहा।
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें
देकर बीता साल जा रहा।।