नव वर्ष पर दोहे
——–नव वर्ष पर दोहे ——–
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नया साल ले आ गया ,सुंदर यह पैगाम
सभी से प्रेम कीजिए ,मत कीजे अपमान
बीती बाते भूल कर,दिल को रखिए साफ
करनी कथनी भूलिए,करो सभी को माफ
गत वर्ष तो बीत गया, नये की शुरुआत
मुबारकवाद दीजिए, कर मधुर मुलाकात
बीती हारें भूल कर , निज में करो सुधार
विजय का आगाज करो,बनो तुम कर्णधार
द्वेष -वैर सब भूलिए , मन- मुटाव कर दूर
प्रेम भाव गले मिलिए ,भूल- चूक कर दूर
बीती बात बीत गई, नव बात शु रुआत
प्रीत रीत आरम्भ कर,भूल कर जात पात
नव वर्ष भेंट दीजिए,जोड़ जोड़ दो हाथ
सुखविन्द्र प्रेम बांटिए ,कर कर चौड़े हाथ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)