नव वर्ष के लिए
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नव वर्ष के लिए मेरी शुभकामना।
शांति के प्रयासों को।
उन्नत विचारधाराओं को।
विकासोन्मुख योजनाओं को।
दर्द निवारक कामनाओं को।
सुंदर,सभ्य,न्यायी शासनों को।
धरती में जल बढ़े।
वृक्षों पर अमर-लताएँ और चढ़े।
नदियां कल्लोल करें।
नभ तथा आँगन में चिड़ियों के बोल भरें।
मलयानिल हों दोष मुक्त।
जल धाराएँ घोष युक्त।
फसल लहलहाए।
रेत कण नहाए।
पेड़ लदें फूल,फल से।
सरोवर भरें कमल से।
सूर्य बहुत मुस्कुराए।
चाँद गीत गाए।
पुलकित हो आदमी सब।
जीव-जन्तु भी या रब।
‘वाद’ निर्विवाद बढ़े।
नयी ऊँचाइयाँ गढ़े।
शिक्षा हो देव, सार्थक।
शिक्षित सामर्थ्यवान।
‘अर्थ’ को भी अर्थ मिले।
जन-जन का हो कल्याण।
राष्ट्र विश्वव्यापी हो।
कहीं न आपाधापी हो।
धर्म अपना धर्म निबाहे।
व्यर्थ रार ना बढ़ाए।
न्याय हो सशक्त ।
न्यायी हो न्याय-भक्त ।
शासन हो शोषण विहीन।
शासक पवित्र, प्रवीण।
कल हमारा होवे शुभ।
स्वच्छ सुंदर और प्रबुद्ध।
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अरुण कुमार प्रसाद 30/12/22