नव-वर्ष और भारत-वर्ष
कुछ बदला है शायद
आया है सुकून लेकर
अवसर ही सही ..
भाग्योदय होगा अगर
है ये शुरुआती शुभ् खबर
परिवर्तन का हो गर जिक्र
बदलाव को माध्यम चाहिये
तमन्नाओं पर स्वार गुजरें डगर
हर क्षण उत्साह उल्हास
ये उत्सव पर्व और त्यौहार.
भारत भूमि छटा निराली
षट-ऋतु हर पर्व निराला है.
डॉ_महेन्द्र