Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 2 min read

नव वर्ष आया है , सुख – समृद्धि लाया है |

नव वर्ष आया है , सुख – समृद्धि लाया है
समय का चक्र चलता है , नव युग का इतिहास बनता है
नया सोचना है , नया करना है
यही अपनी रीत रीत है , यही अपना धर्म है

पुराना बीत गया , स्मारक बन गया
अब संकल्प की बारी है –
भष्ट्राचार मिटाना है
ईमानदारी का परिचय देना है

मातृभूमि की रक्षा करना है
पर्यावरण की रक्षा करना है
पेड़-पौधे लगाना है
नदी – नाले की खलबल वापस लाना है

नए टेक्नोलॉजी का स्वागत करना है
पूरी दुनिया कंप्यूटर – मोबाइल में समेटी है
हर दिन , हर पल , नया नीत होता है
सोचो अच्छा , करो अच्छा कर्म ही है

आतंकवाद का खात्मा करना है
सुरक्षा एजेंसी की धार तेज करना है
मिडिया – समाचार पत्र को निर्भीक , तथ्यपरक होना है
न्यायपालिका का विश्वास जगाना है

महिला को सबल बनना है
भ्रूण हत्या रोकना है
लाडली बेटी को शिक्षा देना है
लिंग भेद मिटाना है

संसंद सत्र को सुचारू करना है
संसद की गरिमा बढ़ाना है
गरीबी दूर करना है
भूखे का निवाला छीनते जा रहा है

महगाई का दानव बढ़ता ही जा रहा है
आम आदमी का जीवन डगमगा गया है
आत्महत्या करने पर इंसान मजबूर हो गया है
चोरी , डकैती , लूट – खसोट आम बात हो गयी है

नव वर्ष में करो संकल्प –
शुभ कल्याणकारी कार्य करेगे
विविधता में एकता रखेगे
भष्ट्र राजनीती से दूर रहेगे

ना रहेगा गरीब भूख से
ना रहेगा किसान कर्ज से
ना रहेगा बालक – बालिका , युवा वंचित शिक्षा से
ना रहेगा युवा बेरोजगारी से

अहिंसा और करुणा का सदैव पालन करेगे
देश का विकास करेगे
देश की रक्षा करेगे
देश को आगे बढ़ाये
०००
– राजू गजभिये
बदनावर जिला धार ( मध्य प्रदेश )

Language: Hindi
435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Raju Gajbhiye
View all
You may also like:
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
மழையின் சத்தத்தில்
மழையின் சத்தத்தில்
Otteri Selvakumar
गलियों का शोर
गलियों का शोर
PRADYUMNA AROTHIYA
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
Atul "Krishn"
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
gurudeenverma198
**रक्षा सूत्र का प्रण**
**रक्षा सूत्र का प्रण**
Dr Mukesh 'Aseemit'
4714.*पूर्णिका*
4714.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुबह-सुबह की लालिमा
सुबह-सुबह की लालिमा
Neeraj Agarwal
..
..
*प्रणय*
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
Neelofar Khan
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
पराया हुआ मायका
पराया हुआ मायका
विक्रम कुमार
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*छपवाऍं पुस्तक स्वयं, खर्चा करिए आप (कुंडलिया )*
*छपवाऍं पुस्तक स्वयं, खर्चा करिए आप (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
"" *चाय* ""
सुनीलानंद महंत
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
Bidyadhar Mantry
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
रुपेश कुमार
अध्यात्म चिंतन
अध्यात्म चिंतन
डॉ० रोहित कौशिक
...........!
...........!
शेखर सिंह
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
Ashwini sharma
Loading...