नव रात्रि में शक्तियों का संचार
नव रात्रि में शक्तियों का संचार
पहली रात्रि वंदनीय
शैल पुत्री माई
आया है नवरात्रि में
शक्ति और ऊर्जा लेकर।
भक्तो का उद्धार करेंगे
शक्ति और ऊर्जा देकर।
पहली वंदनीय शैल….
द्वितीय रात्रि वंदनीय
देवी ब्रह्मचारिणी माई
तप और संयम का पर्याय।
श्वेत वस्त्र धारिनी रूप की सुंदरी।
तृतीया रात्रि चंद्रघंटा माई
दशा और दिशा सुधारनी।
चतुर्थ रात्रि मां कुष्मांडा
ज्ञान और शक्ति के प्रतीक
पंचमी रात्रि स्कंध मातृ
सुख ऐश्वर्य मोक्ष दात्रि
षष्ठी रात्रि कात्यायनी मां
शहद,मीठे पान का भोग
मिट जाए सारे तन का रोग।
सप्तमी रात्रि कालरात्रि को सुमिरै
ज्ञान और प्रकाश की स्रोत
बहे।
अष्टमी रात्रि महागौरी
अत्यंत कांतिमान
सिद्धिदात्री माई
सर्व सिद्धि मनोरथ पूर्ण
ऐसे शक्ति से भक्ति सार्थक होई।
नव दिन नव रस
भक्ति के अमृत रस।
जय माता दी।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
कविराज
नवा रायपुर छत्तीसगढ़