नव भारत का निर्माण
निर्माणों के इस नवयुग में, नव भारत का निर्माण करें,
भारत का नवल दृश्य देखें और उस छवि को साकार करें.
1) भारत को उसकी आन मिले और शान मिले, पहचान मिले,
एक धरा बनाएं आज नवल जहां विश्व ज्ञान-विज्ञान मिले,
जहां प्रकृति के नवरंग मिले, कोयल गीतों की तान मिले,
जहां आर्यभट्ट, रामानुजन, अब्दुल, विवेक विद्वान मिले,
ले नवभारत का सृजन दृश्य, अर्जुन सम लक्ष्य संधान करें,
निर्माणों के इस नवयुग……
2)जहां मानवता का धर्म सभी धर्मों से ऊपर हो जाए,
जहां परोपकार का भाव सभी कर्मों से ऊपर हो जाए
जहां हिंदू कुरान और मुस्लिम गीता को पड़ता दिखलाइए दे,
जहां गीता, बाइबल और कुरान का वाचन साथ सुनाई दे,
अरे मंदिर मस्जिद को छोड़ो, नव धर्मस्थली निर्माण करें
निर्माणों के इस नवयुग………
3)जहां शूद्र, वैश्य, ब्राह्मण, क्षत्रिय का वंशवाद सब मिट जाए,
जहां मानवता सर्वस्व बने, सब धर्म के बंधन हट जाएं,
जहां ऊंच नीच के भाव न हो, सब में समता दिखलाई दे,
जहां भारतवर्ष की सकल भूमि पर, एक ध्वजा लहराई दे,
है स्वप्न बड़ा आरंभ करो, अब भारत का उत्थान करें,
निर्माणों के इस नव युग…….
4)जहां बहन बेटियों के दोषी को चौराहों पर फांसी हो,
जहां घर-घर में हो भगत सिंह, हर मन में मथुरा काशी हो,
जहां संविधान की लचक, कभी ना दोषी का हथियार बने,
जहां शांति में सब कमल सही, पर युद्ध में सब तलवार बनें,
बन शौर्य-पराक्रम की प्रतिमा, ऊंची भारत की शान करें
निर्माणों के इस नवयुग…….
जय हिन्द -जय भारत
राधे-राधे