नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
जयति जन पुकारती
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नद्य सागर से भरा है भारत
पनपती नव सभ्यता संस्कृति
हड़प्पा मोहनजोदड़ो वास्तु
अनमोल प्रशस्त पुण्य पंथ है
मंडपम यशोभूमि जय भारती
वीर धीर सुरमों का कर्म है
पथ नद्य सागर तट सूर वीर
रुका नहीं बढ़ा बढ़ते रहा कर्म
पथ टनल सेतु सुरंग पुकारती
आधुनिक तकनीक निहारती
शुभ संदेश जग ज़हान भारती
अवरोध ना कृति जन विचार से
आशा तृष्णा आकांक्षा दबा नहीं
स्वच्छंद विहार विचरण भू भारती
पराधीनता प्रतिबंध गगन मुक्त हो
धर्म कर्म मर्म स्वतंत्र संसार हो
असंख्य कृतियों का जीव आधार
भारत विचार ज्ञान विज्ञान दर्शन
बेमिशाल चंद्र सूर्य गगनयान
समुंद्र रेल वायुयान नूतन ज्ञान
गांव-शहर नव विद्या संचारती
विश्वगुरु महान जन गण भारती
संकल्प से सिद्धी कर्ममंत्र उच्चारती
वसुधैव कुटुम्बकम् पुकारती
नव प्रबुद्ध गीता ज्ञान प्रशस्त पंथ
शैल शिखर दिव्य स्वरूप आरती
जयति जय नाद जन जन पुकारती
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तारकेश्वर प्रसाद तरुण