नव जागरण उद्घोष,शंख नाद हो हिंदी !
नव जागरण उद्घोष,शंख नाद हो हिंदी !
जन-जन को जोड़ती हुई,बढ़ती जो निरंतर
हर मोड़ पे नव रूप में, आबाद हो हिंदी,
नव जागरण उद्घोष,शंख नाद हो हिंदी !
थामे थे जिसका हाथ,आज़ादी के सिपाही
वो “जय हिन्द” के उद्गार, सिंघनाद हो हिंदी,
नव जागरण उद्घोष, शंख नाद हो हिंदी !
कहता है कौन आज ये, बाजार की हिंदी,
बाजार का आधार, नव आह्लाद हो हिंदी,
नव जागरण उद्घोष, शंख नाद हो हिंदी !
हर भाषा भाव से कंही, उन्नत है शब्द कोष,
देती सभी को सीख राष्ट्रबाद की हिंदी
नव जागरण उद्घोष, शंख नाद हो हिंदी !
आओ करें शपथकी नव उत्थान को हिंदी,
अब हिन्द महादीप का, संबाद हो हिंदी,
जिंदाबाद हो हिंदी, जिंदाबाद हो हिंदी
नव जागरण उद्घोष, शंख नाद हो हिंदी !