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1 Mar 2023 · 7 min read

नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना

नव संवत्सर -2080 पिंगला कि
ज्योतिषीय विवेचना –

हर सूर्योदय नए उत्साह उल्लास उपलब्धि का संदेश लाता हुए ब्रह्मांड के प्राणि प्रकृति में नए जीवन उद्देश्य का सांचार करता है।

समय काल वक्त कभी नया या पुराना नही होता उसकी नियत होती है निरंतर चलते जाना एव अपनी निरंतर गति में प्राणि प्रकृति के परिवर्तनों का शाश्वत दर्शन करते हुए उसे अपने अगले पल प्रहर के लिए शिक्षा प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत करना।

ब्रह्माण्ड में मनुष्य जिज्ञासु एव सामाजिक प्राणी होता है और अपने जीवन मे वह सबकुछ प्राप्त करने को उद्धत रहता है जो उसे जीवन के बाद भी अविस्मरणीय बनाये रखने में सक्षम हो और उनके जीवन का मूल्यांकन सदैव प्रेरणा के रूप में होता रहे ।

काल की निरंतर गति को मानव ने वर्ष दशक सदी एव दिन महीना वर्ष में बिभक्त कर अपने जीवन कि उपलब्धियों एव असफलता का मूल्यांकन समय को ही आधार मानकर करता चला आ रहा है।

ऐसा नही है कि यह सिर्फ मानव की प्रबृत्ति है सनातन के अनुसार देवता भी इस काल परम्परा कि कलाओं का ही प्रतिपादन करते है जिसके कारण दिन रात में जीवन कि मौलीक उपलब्धियों को बिभक्त किया गया है।

जल ही जल सर्वत्र अंधकार महाप्रलय एव उसकी वास्तविक अवधारणा को निरुपित करता है तो ग्रह नक्षत्र मौसम ऋतुएं सृष्टि के सकारात्मक पराक्रम एव पुरुषार्थ को उत्साहित करते हुए प्रेरणा का प्रस्फुटित करते है।

इसी अवधारणा का सत्य है ज्योतिष विज्ञान एव उसकी विवेचना का भावी काल समय वक्त जो प्रतिदिन के नव सूर्योदय के अंतर्मन से नव वर्ष कि अवधरणा को स्थापित करता है ।

वैसे ज्योतिष विज्ञान आने वाले सभी पल प्रहर कि वास्तविकता को वर्तमान में ही स्प्ष्ट कर सकने में सक्षम है जिसके प्रयास के पुरुष या यूं कहें अन्वेषी के रूप में वैश्विक स्तर पर नास्त्रेदमस फ्रांस एव बाबा वेंगा बुल्गारिया का नाम अक्सर चर्चा में रहता है ।

बहुत सी भविष्यवाणीयो को वर्तमान में ब्रह्मांड के दोनों प्रमुख अवयव प्रकृति एव प्राणि के परिपेक्ष्य में प्रामाणिक स्थापित किया जा सकता है ।

पृथ्वी की कुल क्षमता एव उसके संसाधन पर बढ़ते बोझ अंधाधुंध विकास असंतुलित पर्यावरण एव जनसँख्या के दबाव के कारण बहुत सी घटनाएं स्वयं निर्धारित कर चुका है ।
जलवायु परिवर्तन तथा उसके कारण सूखा बाढ़ सुनामी भूकम्प कोरोना एव अन्य कई ब्रह्मांडीय नकारात्मक परिवर्तन के भय कहर ज्योतिष विज्ञान का कार्य सिर्फ इतना बचता है कि वह यह बात समय से सज्ञान में लाये कि ब्रह्मांडीय नकारात्मक परिवर्तन का प्रभाव कब कहा पड़ने वाला है ।

जिससे हानि को सीमित किया जा सके विज्ञान के विद्वत वैज्ञानिक निरंतर इसी बात के लिए दिन रात एक किये हुए है।

मेरी सम्वत 2080 कि गणाना इसी तथ्य के तत्व के परिपेक्ष्य में मानव कल्याणार्थ है सम्पूर्ण विश्व मे कलेंडर वर्ष एक जनवरी से प्रारम्भ होकर इकत्तीस दिसम्बर तक रहता है जो इस्वी सन के आधार पर निर्धारित है एक जनवरी से शुरू होने वाले एव इकत्तीस दिसंबर को समाप्त होने वाले एक वर्ष का मूल्यांकन इस अवधि में मानवता के लिए प्राप्य एव हानि दोनों का समावेश होता है ।

जिसमे सभी पहलुओं को प्रस्तुत किया जाता है अर्थात आद्योपांत मैंने भी प्रत्येक वर्ष की तरह 2023 कलेंडर वर्ष का आंकलन प्रस्तुत किया है जो निश्चय ही ज्योतिष विज्ञान के यथार्थ एव सत्य को सारगर्भित एव सकारात्मक विश्वनीय बनाता है।

संवत 2080का शुभारम्भ 22 मार्च -2023 से हो रहा है जो हिन्दू वैदिक सनातन के नव वर्ष का शुभारम्भ होगा ।

शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि चैत्र शुक्ल दिन बुधवार है हिन्दू वैदिक नव वर्ष की खास बात यह है कि इसका शुभारम्भ जिस वार से होता है संवत्सर का राजा वही ग्रह होता है 22 मार्च को बुधवार है अतः संवत 2080 का राजा बुध एव मंत्री शुक्र होंगे एव इस संवत्सर को पिंगल संवत्सर के नाम से जाना जाएगा।

हिन्दू वैदिक नव वर्ष का समापन भी बहुत प्रसन्नता पूर्ण वातावरण में मधुमाश के आगमन माँ वीणा पाणी कि आराधना एव रंगारंग त्योहार उत्सव होली के साथ समाप्त होता है एव शुभारम्भ नारी शक्ति आराधना मर्यादापुरुषोत्तम जन्मोत्सव के साथ होता है जो शुभ का सूचक है यही नियमित परम्परा है शुभ से शुरू शुभ से अंत यह आश्वस्त कभी नही करता कि प्रारम्भ होने वाला संवत 2080 पिंगल नाम से विख्यात हैं ।
कुल साठ संवत्सर का विवरण मिलता है पंच तत्व के बुनियादी सिंद्धान्त का नवसंवत्सर पिंगल विविधता पूर्ण एव उतार चढ़ाव से भरा हुआ है ।

वैश्विक स्तर – पिंगल का प्रभाव

1- प्राकृतिक आपदा –

बाढ़ सूखा भूकम्प आदि से कुछ राहत अवश्य मिलेगी लेकिन भय ना तो कम हुआ है ना होगा किसी नए आपदा की भी संभावना बताता है पिंगल नवसंवत्सर दक्षिणी गोलार्ध के केंद्र एवं ऊपरी क्षेत्रों में इसके विनासकारी रूप परिलक्षित हो सकते है ।रूस यूक्रेन युद्ध अपने खतनाक एव चरम पर पहुंच चुका है लेकिन वैश्विक स्तर पर महाविनाश एव विश्व युद्ध की संभावनाएं नही स्वीकार करता है पिंगल नव संवत्सर।

2-वैश्विक आर्थिक स्थिति –

वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिति धीमी लेकिन सकारत्मक रहेगी लंका और आस पास के पड़ोसी राष्ट्र आर्धिक स्तर पर संतोष जनक स्थिति में होंगे पाकिस्तान अपवाद होगा।

3-राजनैतिक स्थिति –

पिंगल नव संवत्सर 2080 ऐसा संवत्सर होगा जिसके अंत मे भारत में चुनांव लोकसभा के या तो हो रहे होंगे या समाप्ति के चरण में होंगे साथ ही साथ विश्व के एक बड़े लोक तंत्र अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का विगुल भी बज चुका होगा ये दोनों ही महत्वपूर्ण घटनाएं विश्व को प्रभावित करने वाली है।

4-कृषि-

कृषि के स्तर पर विश्व मे अच्छी सम्भवनाये विश्व स्तर पर होंगी मौसम में चमत्कारिक कुछ भी नही होने वाला वल्कि पिंगल संवत्सर में इसमें कमी निश्चित होगी।

वैश्विक स्तर पर ईरान इजरायल उत्तर कोरिया वैश्विक विवाद के केंद बिंदु बन सकते है।

विशिष्ट संभावनाएं –

ऑस्ट्रेलिया जर्मनी इंग्लैंड ब्राजील यूरोपीय संघ को अपनी गुरुतर जिम्मीदारियो के प्रति यह सम्वत्सर महत्वपूर्ण होगा नाटो को में नए शुभारम्भ के संकेत देता है पिंगल।

अफगानिस्तान पाकिस्तान कि स्थिति में कोई गुणात्मक सुधार के संकेत नही देता है नव संवत्सर वल्कि हालात के और भी अनियंत्रित होने के स्प्ष्ट संकेत है मालदीप भूटान नेपाल आदि में कई प्रसांगिक तथ्यात्मक सकेत देता है।

यह संवत्सर नेपाल में राष्ट्रपति के चुनांव के बाद राजनयिक वर्चस्व का जोखिम बढ़ा सकता है दक्षिण अफ्रीकी देशों को अपने मूल स्वभाव में मूलभूत परिवर्तन का आवाहन करता है यह संवत्सर सम्पूर्ण विश्व मे छोटे छोटे देशों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जागृत करता नए आयाम अध्याय का वर्ष होगा नवसंवत्सर।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अभी रिपब्लिकन का पलड़ा भारी अवश्य दिखता है लेकिन डेमोक्रेट से पार पाना बहुत चुनौतिपूर्ण एव दुरूह है अभी भी अंतिम परिणाम बहुत साफ नहीं है लेकिन विजय का अंतर्मन है पिंगल क्योंकि परिणाम अगले संवत्सर आने है ।

विश्व स्तर पर पुतिन कोई बड़ा निर्णय लेकर वैश्विक मानवता को चौंका सकते है जो सकारात्मक होने के अधिक आसार है चीन कि अंतर्मुखी होकर वैश्विक नेतृत्व की अपनी मंशा एव दावे को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष प्रस्तुत करता रहेगा जो सम्भव है उसके लिए ही शुभ न हो ।

उग्रवाद –

वैश्विक स्तर पर उग्रवाद कमजोर अवश्य दिख रहा है किंतु नवसंवत्सर उसके खतनाक इरादों के सापेक्ष सतर्कता को जागृत करता है एव उग्रवाद के ख़तरनाक इरादे से इनकार नही करता है।

पिंगल वैश्विक स्तर पर नारी शक्ति के और प्रभावी एव शसक्त होने का अविस्मरणीय संवत्सर हो सकता है।

(ख)-भारत के परिपेक्ष्य में नव संवत्सर-

1-मौसम एव प्राकृतिक स्थिति-

वर्षा की स्थिति अच्छी रहने वाली है यह संवत्सर 13 महीनों का होगा 4 जुलाई से पुरुषोत्तम मास प्रारम्भ होगा यह एक ऐसा पुरुषोत्तम मास होगा जिसमें शिव आराधना के लिए भक्तों को 8 सोमवार मिलेंगे।

2-कृषि-

भारत मे कृषि उत्पादन के अच्छी रहेगी साथ ही साथ कृषि आधारित उद्योगों में सकारात्मक सोच के साथ आश्चर्य जनक बृद्धि हो सकती है ।

3-राजनैतिक स्थिति-

नव संवत्सर में 6 राज्यो सहित लोक सभा के चुनांव भी होंगे तीन राज्यो के चुनांव के परिणाम आ चुके होंगे जिनमे मेघालय ,त्रिपुरा एव नागालैंड है शेष छः राज्यों के चुनांव महत्वपूर्ण होंगे जिसमे तेलंगाना, कर्नाटक ,राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि महत्वपूर्ण है इन चुनावों के विषय मे मैंने अपने कलेंडर वर्ष के ज्योतिषिय विश्लेषण में स्प्ष्ट मत दिया है जो सही है कर्नाटक ,छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश तेलंगाना शासक दल भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती है जो संम्भवः असम्भव के मध्य काल वक्त समय को परिभाषित करने को तैयार है मेरी ज्योतिष गणना जगत प्रकाश नड्डा के व्यक्तिगत जनमांग एवं मोदी कि कि संयुक्त ग्रह मैत्री को भारतीय जनता पार्टी के नव उत्कर्ष का उद्भव स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं करता ।

लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से वंचित कर पाना मुश्किल बताता है नव संवत्सर लेकिन शक्ति संख्या के छरण का संकेत अवश्य देता है ।कांग्रेस 2014 ,2019 से अधिक शक्तिशाली होकर उभरेगी किंतु सत्ता उसके लिए अब भी दुरूह दिखती है।

निष्कर्ष – नवसंवत्सर पिंगल 2080 काल गति की निरंतता के मध्य बहुत उतार च्ढाव के साथ उत्साह एवं विश्वास कि संभावनाओं का आधार बनेगा जो वैश्विक भविष्य के आधार का निर्माण करेगा ।
भारत के परिपेक्ष में यह बहुत परिवर्तन का आवाहन नहीं करता है वरन दृढ़ता को प्रतिबिबित करता है।

विशेष नोट – मैंने नवसंवत्सर की ज्योतिषीय विवेचना में राशियों के उतार चढ़ाव एवं गति के आधार पर विश्लेषण नहीं किया है कि अमुक राशि वालों के लिए शुभ या अशुभ होगा नवसंवत्सर क्योंकि प्रति दिन लाखो जातक जन्म लेते है और उसमे बहुत से एक ही ग्रह नक्षत्र में जन्म लेते हैं फिर भी उनके भाग्य का निर्धारण ज्योतिष गणना अलग अलग करता है क्योंकि राशियों के आधार पर किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य का सटीक बताना संभव है ।उदाहरण के लिए यह आवश्यक नहीं कि सिंह राशि और कन्या लग्न में जन्मे सभी जातकों का भाग्य भविष्य एक समान हो क्योंकि व्यक्तिगत भाग्य का निर्धारण जातक के जन्म के अनुसार अलग अलग देशान्तर अक्षांश पर अलग अलग होगा ।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

Language: Hindi
Tag: लेख
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