Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

नववर्ष की शुभकामना

नववर्ष की शुभकामना
बाग में बहार हो नदी में जलधार हो
पावस की फुहार से फसल अपार हो |
दीन कोई हो नहीं हीन कोई हो नहीं
अमीर व गरीब में प्रेम अपरम्पार हो।
प्रेम के प्रकाश से तम का सर्वनाश हो
नफरती साजिश पर न कभी विश्वास हो |
प्यार वायु बहे सदा बात हो स्नेह सना
सभी रहें उल्लासमय चेहरा न उदास हो ।
मुबारक हो नववर्ष गरीब को अमीर को
तहरीर को नजीर को संत को फकीर को |
हृदय से है मेरी सभी को शुभकामना
हिंदू हो ईसाई हो या मुस्लिम भाई हो |
पुराना साल जायेगा नूतन वर्ष आएगा
स्वागत नव वर्ष का सर्वत्र हर्ष छाएगा|
दिन वही रात वही हम वही आप वही
नूतन पुरातन वर्ष आयेगा और जाएगा |

82 Views
Books from manorath maharaj
View all

You may also like these posts

🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
इश्क़ की बात ना कर
इश्क़ की बात ना कर
Atul "Krishn"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
रोटी
रोटी
लक्ष्मी सिंह
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
चित्र आधारित चौपाई रचना
चित्र आधारित चौपाई रचना
गुमनाम 'बाबा'
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
पूर्वार्थ
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
Rj Anand Prajapati
" बँटवारा "
Dr. Kishan tandon kranti
आयेगी मौत जब
आयेगी मौत जब
Dr fauzia Naseem shad
निर्वंश
निर्वंश
Paras Nath Jha
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
फारसी के विद्वान श्री सैयद नवेद कैसर साहब से मुलाकात
फारसी के विद्वान श्री सैयद नवेद कैसर साहब से मुलाकात
Ravi Prakash
मौत का डर
मौत का डर
Sudhir srivastava
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसान कविता
किसान कविता
OM PRAKASH MEENA
प्रबुद्ध कौन?
प्रबुद्ध कौन?
Sanjay ' शून्य'
बार - बार गिरती रही,
बार - बार गिरती रही,
sushil sarna
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
- तेरा मेरा मिलना -
- तेरा मेरा मिलना -
bharat gehlot
হরির গান (হরিকে নিয়ে লেখা গান)
হরির গান (হরিকে নিয়ে লেখা গান)
Arghyadeep Chakraborty
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
जय श्री राम
जय श्री राम
Sunita Gupta
Go88v06 xứng đáng là cổng game go 88 đổi thưởng rất đáng để
Go88v06 xứng đáng là cổng game go 88 đổi thưởng rất đáng để
Go88v06
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...