नववर्ष की शुभकामना
नववर्ष की शुभकामना
बाग में बहार हो नदी में जलधार हो
पावस की फुहार से फसल अपार हो |
दीन कोई हो नहीं हीन कोई हो नहीं
अमीर व गरीब में प्रेम अपरम्पार हो।
प्रेम के प्रकाश से तम का सर्वनाश हो
नफरती साजिश पर न कभी विश्वास हो |
प्यार वायु बहे सदा बात हो स्नेह सना
सभी रहें उल्लासमय चेहरा न उदास हो ।
मुबारक हो नववर्ष गरीब को अमीर को
तहरीर को नजीर को संत को फकीर को |
हृदय से है मेरी सभी को शुभकामना
हिंदू हो ईसाई हो या मुस्लिम भाई हो |
पुराना साल जायेगा नूतन वर्ष आएगा
स्वागत नव वर्ष का सर्वत्र हर्ष छाएगा|
दिन वही रात वही हम वही आप वही
नूतन पुरातन वर्ष आयेगा और जाएगा |