नववर्ष उल्लास
नववर्ष मंगल दिवस आज फिर आया
चैत्र शुक्ल पक्ष का मंगल समय फिर आया
हो हर घर में खुशी हर जगह हो मंगल
मनोकामना ये करने का फिर से समय आया
है हमारा नव वर्ष आया।।
यह केवल नव वर्ष नहीं ये तो है
सृष्टि की उत्पति का शुभ समय
हुआ था मत्स्य अवतार भी इसी दिन
है सतयुग के आरंभ का शुभ समय
है ये हमारे नव वर्ष का समय।।
आओ मिलकर नववर्ष मनाए
खुशियों के दिए हम जलाएं
आंगन में अपने रंगोली बनाएं
जीवन में अपने नए सपने सजायें
ऐसे हम अपना नववर्ष मनाएं।।
चारों ओर दिख रही हरियाली
आई फसलों को काटने की बारी
नववर्ष की पावन बेला है आई
लेकर साथ में उम्मीदें ढेर सारी
रहे नववर्ष का जश्न जारी।।
संकट के क्षण हो जाए दूर
खुशहाली हो चारों ओर
मनोकामना है ये मेरी रोज़
नववर्ष में आए ऐसी भोर
मनाएं आज हमारा नववर्ष
दुनिया का हर एक छोर।।