नववर्ष अभिनंदन्
आइए करें अभिनंदन् नववर्ष का।
द्वेष क्लेष व्याप्त संताप समाप्त हो ।
करें कामना उदगम् हो नवजीवन ।
खुशियों के प्रपात मिलेंं।
हों कृतसंकल्प प्रकृति संरक्षण में ।
उदित करें समभाव जगत में।
रहे भावना सहकार निर्माण में।
रहेंं सर्वदा अग्रसर उन्नति पथ में ।
कर प्रथम प्रयास सिद्ध स्वयं को ।
नष्ट करें सर्वांगअहम को ।
ध्वंस्त करें हर कुटिल मंतव्य जनक को ।
कर स्थापित शांति हर जनमनस में ।
करें प्रयास बने धरा यह स्वर्ग तुल्य ।
रहे संरक्षित यह संस्कृति और मानव मूल्य।