*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)
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विवाहोपरांत विदाई के अवसर पर सीख भरा गीत
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नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना
1)
घर को चौपट कर बैठोगी, कुटिल कथाऍं सुनकर
भारी भूल रहेगी ढोंगी, परम हितैषी चुनकर
पहने हुए मुखौटे हैं वे, सच यह जाना-पहचाना
2)
भली सास से लड़वाने की, तुमसे चाल चलेंगे
तुम भोली-भाली इस कारण, तुमको चतुर छलेंगे
घर के भीतर की अनबन को, चौराहों पर मत गाना
3)
सात जन्म का बंधन यदि यह, सचमुच ही मानोगी
तब जाकर इस एक जन्म में, शादी को जानोगी
जग से चाहे जितना झगड़ो, साथी से लाड़ लड़ाना
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451