Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2021 · 1 min read

नवरात्रि महोत्सव

नवरात्रि महोत्सव

नवरात्रि मंगलमय हो, सबको बहुत बधाई हो
मां की ममता आषीशें, मां सब को सदा सहाई हो
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, मां की ज्योत जली है
नवरात्रि त्योहार में मां, बच्चों से आन मिली है
व्रत उपवास पाठ पूजा में, व्यस्त है दुनिया सारी
नव दुर्गा के आराधन से, प्रसन्न हुए नर नारी
सप्तशती गीता रामायण, यज्ञ और भंडारे
शक्ति की पूजा में जन जन, व्यस्त हुए हैं सारे
जय माता दी

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
4 Likes · 6 Comments · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
"अनुत्तरित"
Dr. Kishan tandon kranti
यह तो आदत है मेरी
यह तो आदत है मेरी
gurudeenverma198
हम तो मतदान करेंगे...!
हम तो मतदान करेंगे...!
मनोज कर्ण
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-381💐
💐प्रेम कौतुक-381💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शक्ति साधना सब करें
शक्ति साधना सब करें
surenderpal vaidya
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
मौसम
मौसम
Monika Verma
मुस्कुरा दो ज़रा
मुस्कुरा दो ज़रा
Dhriti Mishra
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरे हिस्से सब कम आता है
मेरे हिस्से सब कम आता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
..........?
..........?
शेखर सिंह
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
बहुत संभाल कर रखी चीजें
बहुत संभाल कर रखी चीजें
Dheerja Sharma
सनम
सनम
Sanjay ' शून्य'
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गौर फरमाइए
गौर फरमाइए
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/208. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/208. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
Loading...