Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2021 · 1 min read

नवरात्रि का प्रथम दिन

नवरात्रि का प्रथम दिन भी – कितना पावन,
कितना सुन्दर होता है।

हिन्दुस्तान में हिन्दू इस पर्व को कितना सुन्दर मनाते है।
बच्चे कितना सुखद दिखाई पड़ते है।

बच्चे भी नवरात्रि के पावन पर्व पर शामिल रहते है।

कवि – मृत्युंजय
दिनांक – १३/०४/२०२१
समय – १४:५०(Pm)
सम्पर्क – ९०६५३८८३९१

1 Like · 436 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आजकल किन किन बातों का गम है
आजकल किन किन बातों का गम है
Ram Krishan Rastogi
■ताज़ा शोध■
■ताज़ा शोध■
*प्रणय*
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
इंसान, इंसान नहीं रह जाता
इंसान, इंसान नहीं रह जाता
Dr. Kishan tandon kranti
हमको इतनी आस बहुत है
हमको इतनी आस बहुत है
Dr. Alpana Suhasini
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
सूनी बगिया हुई विरान ?
सूनी बगिया हुई विरान ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Mamta Singh Devaa
विषय-अर्ध भगीरथ।
विषय-अर्ध भगीरथ।
Priya princess panwar
3756.💐 *पूर्णिका* 💐
3756.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बस एक बार और………
बस एक बार और………
डॉ. दीपक बवेजा
हे ! निराकार रूप के देवता
हे ! निराकार रूप के देवता
Buddha Prakash
अंगद उवाच
अंगद उवाच
Indu Singh
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
Lokesh Sharma
कविता
कविता
Neelam Sharma
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
Rituraj shivem verma
दोस्ती कर लें चलो हम।
दोस्ती कर लें चलो हम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
शायरी
शायरी
Pushpraj devhare
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
Keshav kishor Kumar
यादों का बुखार
यादों का बुखार
Surinder blackpen
Loading...