नवयुग
नवयुग में तकनीकी ने , किया है बंटाधार ।
नई पीढ़ी मौज करे , बूढ़े रोयें जार-जार ।।
मनमानी वे कर रहे , सुनें न उनकी बात ।
उम्मीदों पर कर रहे , छिप-छिप कर वार ।।
नवयुग में तकनीकी ने , किया है बंटाधार ।
नई पीढ़ी मौज करे , बूढ़े रोयें जार-जार ।।
मनमानी वे कर रहे , सुनें न उनकी बात ।
उम्मीदों पर कर रहे , छिप-छिप कर वार ।।