नवप्रभात
शीर्षक – ” नवप्रभात ”
भय के बादल छँट जाने दो ,
प्रेम की अब बात हो ।
अलविदा कहो आतंकी रात को,
एक नया प्रभात हो ।।
गोली चली,खून बहा
ज़मीं भी लाल हो गई ।
हर चप्पा खामोश हुआ,
हर गली वीरान हुई ।।
फिर से गूँजे पूजा के सुर ,
प्रेम की अज़ान हो ।
अलविदा कहो आतंकी रात को,
एक नया प्रभात हो ।।।।।
– © डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , ” काज़ीकीक़लम ”
28/3/2 ,इकबाल कालोनी ,अहिल्या पल्टन ,इंदौर
जिला – इंदौर