नवनिर्माण भारत
बिगड़ी हुई कुछ व्यवस्था में बदलाव नया आ रहा है,
हां विश्वगुरु भारत का नवनिर्माण शुरू हो गया है,
दूसरों पर निर्भरता कम कर आत्मनिर्भर देश बन रहा हैं,
हां भारत अपनी इक नई मजबूत पहचान अब बना रहा है,
सलाम कर जज्बे को जन जन हेतु फौज भर्ती के द्वार खोल रहा है,
हां भारत अब एक अनोखा अध्याय लिखने की तैयारी कर रहा है,
अब हर अमीर अपने जूतों की पॉलिश खुद कर रहा है,
क्यूंकि अब हर गरीब अपने सुनहरे जीवन का नया अध्याय लिखने को तैयार हो रहा है,
विश्व के हर अभिमानी का घमंड बड़े अदब से टूट रहा है,
क्यूंकि भारत अब बिन बैसाखी के कदम यूं ही बढ़ा रहा है,
नेतृत्वशील भारत को अब पूरा विश्व सलाम कर रहा है,
क्यूंकि भारत अपने हर रिश्ते को दिल से निभा रहा है,
डर रहा है हर दुश्मन इसका इसके बदले हुए तेवर से,
क्यूंकि भारत अब अपने हक के लिए दुश्मनों के नापाक इरादे कुचल रहा है