Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2019 · 1 min read

नवगीत

हो सके तो क्षमा करना
———————

हो सके तो क्षमा करना
जो कहीं गलती हुई हो

है असंभव कुछ नहीं
यह बात संज्ञावान है
धूप की छत पर छपे
हर दृश्य की पहचान है
मत बुझाना याद की जो
रोशनी जलती हुई हो

सौम्यता की भित्ति पर
सौहार्द की हो अल्पना
नभ नमी पर बो रहा
हो, खोज की परिकल्पना
अंधयुग के गाल पर
रँग दीपिका मलती हुई हो

हों सफलता के नये
हारिल सुखद संवाद के
भाव की संबद्धता हो
स्वर मिलें अनुनाद के
अर्थ की अनुकूलता की
वायु भी चलती हुई हो

पेड़-पौधों की सँवरती
मंजरी मधु-मालिका हो
हर शहर हर गाँव में
जन्मी सुरक्षित बालिका हो
नहीं कोई कलुषता इस
प्रकर को छलती हुई हो

शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’
मेरठ

Language: Hindi
376 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
Rj Anand Prajapati
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
ఉగాది
ఉగాది
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
तीजनबाई
तीजनबाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किस्मत
किस्मत
Vandna thakur
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
Speciality comes from the new arrival .
Speciality comes from the new arrival .
Sakshi Tripathi
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
3288.*पूर्णिका*
3288.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ आज का दोहा...
■ आज का दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
*आँखों से  ना  दूर होती*
*आँखों से ना दूर होती*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
माँ भारती वंदन
माँ भारती वंदन
Kanchan Khanna
तबीयत मचल गई
तबीयत मचल गई
Surinder blackpen
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Let’s use the barter system.
Let’s use the barter system.
पूर्वार्थ
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी,
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
*कागभुशुंडी जी (कुंडलिया)*
*कागभुशुंडी जी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
Loading...