*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)
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नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर
गगरी भरने को नहीं, हो कोई मजबूर
हो कोई मजबूर, कुऍं से पानी भरना
रहे कथा में शेष, कष्टप्रद सिर पर धरना
कहते रवि कविराय, भरें जल सारे कल से
खोलें टोंटी सिर्फ, बहे जल फौरन नल से
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451