नर्सिंग दिवस पर नमन
डिस्पेंसरी अस्पताल नर्सिंग होम में
दिन रात जो सेवा करती हैं
समझतीं हैं डॉक्टर और मरीज की भाषा
हर काम दौड़कर करतीं हैं
एक मधुर मुस्कान में, सारी पीड़ा हरतीं हैं
इंजेक्शन और दवा गोलियां, समय पर देतीं रहती हैं
अपना दर्द छुपा कर सिस्टर, हरदम हंसती रहतीं हैं
रीढ़ हैं मेडिकल पेशे की, ये करुणा की देवी हैं
हर हाल में सेवा देतीं है
डॉक्टर की अटपटी राइटिंग, पल भर में पढ़ लेतीं हैं
जल्दी ठीक हो जाओगे तुम, ढाढस देतीं रहतीं हैं
घर वाले भी ना कर पाएं, जो सिस्टर कर देतीं हैं
प्यार से जो ना समझे तो, डांट पिला देतीं हैं
नहीं परिवार आया कोबिड में, दिन रात लगी रहती हैं
जोखिम में डालकर जान, अपनी सेबा देतीं हैं
दुनिया की सारी नर्सों को, कोटि कोटि प्रणाम है
धन्य तुम्हारा सेवा भाव, ढेरों तुम्हें सलाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी