नरम दिली बनाम कठोरता
न हावी होने दीजिए
किसी को अपनी नरम दिली पर
खुद के सम्मान पर
चोट का जब कारण बनती है
आपकी यह नरम- दिली
दिल को बड़ी ठेस पहुंचती है
जिंदगी में रिश्तों के मायने
खुद-ब-खुद नजर
आने लगते हैं
आपकी नियत पर
प्रश्न चिन्ह
लगने शुरू हो जाते हैं
आपकी फिक्र को
सवालों के कटघरे में
खड़ा किया जाता है
आपके समझाने के तरीके पर
तानों के बाण
चलाए जाते हैं
बेहतरी ऐसे कठोर व्यक्तित्व को
अपनाने में है
जो आपकी भावनाओं को
आहत होने से बचाये
बेहतरी ऐसे रिश्तों से
दूरी बनाने में है
जो आपकी सेल्फ-रेस्पेक्ट पर
बारम्बार प्रहार करे
✍️ करिश्मा शाह
हरिद्वार