नये वर्ष से बड़ी आस है ।।
नया वर्ष स्वागत है तुम्हारा।
कुछ आशा कुछ नयी रोशनी
लेकर आये साथ साथ में
कुछ जिजीविषा का मूल भी
लेकर आये नई प्रात में ।।
सुबह रोशनी सी विखेर दो
जितनी खुशियाँ है उडेल दो।
आ जाए कुछ उज्ज्वल भाष
तुमसे है वर्षो से आस।।
बदल रहा हूँ जीर्ण पत्र को
भुला दिया कडवे सत्र को।
नया पुराना पास पास है
कुछ बदलाव की आस है ।।
नववर्ष 2019 के अभिनंदन में पंक्तियाँ
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।।
#विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र