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1 Jan 2021 · 1 min read

नया साल आया

गीतिका
आधार छन्द-सगुन
122 122 122 121
नया साल आया लिए स्वप्न द्वार।
हृदय से लगा लो नजर लो उतार।

करो कामना सब मिटे हर मलाल,
नयन में सजे अब सुनहरे सितार।

धरा मद भरी खुशनुमा आसमान,
खिले पुष्प आँगन चमन में बहार।

भरे नेह से जिन्दगी हो कमाल,
घुले इत्र मन में चले जब बयार।

अलग सा लगे अब सभी एहसास,
भरे साँस में ताजगी की फुहार।

उगे सूर्य लेकर सुखद नव उजास,
नया जोश ताकत नया हो विचार।

नई कल्पना हो नया हो उड़ान,
सफलता कदम चूम ले बार-बार ।

करे जश्न सब मिल मचाये धमाल,
नया साल लाये खुशी बेशुमार।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 3 Comments · 239 Views
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