नया सवेरा
छंट रहा है अंधेरा अब
मंदिरों की घंटियों की
मधुर आवाज़ अब
कानों में गूंज रही है
नया सवेरा हो रहा है ।।
जो कल कोंपलें दिख
रही थी पेड़ों की शाखों पर
आज वो फूल बन गए है
जो थे कल सूखे पत्ते आज
वो ओस से नहाए हुए है
नया सवेरा हो रहा है ।।
हवा में नई ताजगी है
फिज़ाओं में नई रवानगी है
तिनका तिनका जोड़ कर
चिड़िया का नया घर बन रहा है
नया सवेरा हो रहा है ।।
पक्षियों ने भी आज छेड़ा
मधुर संगीत का साज़ है
ये सिर्फ नए दिन का नहीं
नई उम्मीदों का आगाज़ है
नया सवेरा हो रहा है ।।
सूरज की किरणे
नई ऊर्जा दे रही है
सर्सराती हवा जैसे
नई ताज़गी दे रही है
नया सवेरा हो रहा है ।।
मंज़िल दूर है और राह कठिन
भोर हो गई अब तो जागो
ये सवेरा पुकार रहा तुम्हें
मंज़िल पाने को अब तुम जागो
नया सवेरा हो रहा है ।।