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29 Jun 2022 · 1 min read

नया ट्रैफिक प्लान (लघु कथा)

नया ट्रैफिक प्लान (लघु कथा)
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अशर्फी देवी धीरे धीरे लगभग लड़खड़ाते हुए अपने घर से निकलीं और मौहल्ले की पतली सड़क को पार करके मुख्य बाजार में आकर ई रिक्शा का इंतजार करने लगीं। जब काफी देर तक कोई ई रिक्शा उन्हें आती-जाती नहीं दिखी तो उनका माथा ठनका। उन्होंने पास ही खड़े हुए एक स्कूटर वाले से पूछा “क्यों बेटा ! आज कोई ई रिक्शा आती जाती नहीं दिख रही ? क्या बात है?”
स्कूटर वाला मुस्कुराया बोला “अम्मा ! आपको नहीं पता , शहर में नया ट्रैफिक प्लान चालू हो गया है । अब यहां कोई ई रिक्शा नहीं चलेगी ।”
“क्या कह रहे हो ? “सुनकर अशर्फी देवी माथे पर हाथ रख कर रह गईं। हम तो सिवाय इसके और कैसे जाएं ? हमारे पास तो यही साधन है।”
स्कूटर वाला बोला “अम्मा ! हमारे पास भी सिवाय स्कूटर के कोई दूसरा साधन नहीं था ।रोक तो प्रशासन ने इस पर भी लगा दी थी। वह तो यह कहिए कि हम लोग धरना प्रदर्शन नारेबाजी करके इस रोक को हटा दिए , वरना हमारा स्कूटर भी आज इस रोड पर नहीं चल रहा होता ।”
अशर्फी देवी के घुटनों में दर्द रहता था। घर में अकेली रहती थीं। बच्चे सब बाहर थे। सुनकर बस यही कह पाईं “बेटा ! हम बूढ़े और बीमार लोगों की आवाज प्रशासन तक कौन पहुंचाएगा? हमारे लिए नारे लगाने वाला कौन है ?”
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लेखक: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 999 7615 451

Language: Hindi
95 Views
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