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20 Jul 2017 · 1 min read

नया कवि

जवानी के जोश में जवान कहां जाके फंसा
जोश क्या करा दे कोई होश नहीं रहता
अपराधी करे अपराध बार-बार उसे
मन में जरा भी अफसोस नहीं रहता
नया कवि वर्ण गिनने में लगा रहता है
कविता में भाव का आगोश नहीं रहता
रण में ले शस्त्र वीर गालियां उगलता है
वीरों के हाथों में शब्दकोश नहीं रहता।।

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