नया उजयारा
जले दीप जल जाय हिन्द के दुश्मन दंश ,
नेह प्रीत का बंधन आँगन ओटा मिले ।
प्रेम जोत तेरी फैले भारत मन मंदिर ,
विषधर सीमा बैठे खोजत नहि मिले ।
नव आलोक चमके विश्व गहन तिमिर ,
नीके नया उजयारा फहरे नभ तले ।
नये साल का जशन हर पल मिल-जुल,
खुशी मनाये अवनि अम्बर गले मिले ।
शेख जाफर खान