Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2017 · 1 min read

” ———————————- —— नयना लड़े पड़े हैं ” !!

रूप रंग की छांव घनेरी , नख़रे नाज़ बड़े हैं !
हम तो अपने आप को भूले , नयना लड़े पड़े हैं !!

पावस की बूंदों ने छूक़र , तन मन लहराया है !
झलक तुम्हारे पाने में यों , छाते कई उड़े हैं !!

इतराये फूलोँ ने तेरी , जमकर की अगवानी !
आज यहां गुलज़ार को देखो , कैसे होश उड़े हैं !!

दिल के राज़ बड़े गहरे हैं , कब आंखों से छलके !
मौन प्रतीक्षा में छुपकर , हम तो यहां खड़े हैं !!

मुस्कानों के तीर चलाकर , हलचल पैदा कर दी !
बेबस होकर सरे राह यों , कई शिकार पड़े हैं !!

आज अदा में दिखता है कहीं , छुपा हुआ ईशारा !
उम्मीदों की डोर को बांधे , हम तो यहीं अड़े हैं !!

रची बसी होठों पर साज़िश , अँखियाँ करे शरारत !
चुनरी ने ले ली अँगड़ाई , हम मदहोश पड़े हैं !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
901 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
3126.*पूर्णिका*
3126.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्राणवल्लभा 2
प्राणवल्लभा 2
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शायरी
शायरी
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
Rj Anand Prajapati
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
स्वयं अपने चित्रकार बनो
स्वयं अपने चित्रकार बनो
Ritu Asooja
"कदर"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुद को भी
खुद को भी
Dr fauzia Naseem shad
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की
Neeraj Agarwal
जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम्
जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम्
Utkarsh Dubey “Kokil”
मेरा गांव
मेरा गांव
Anil "Aadarsh"
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
Shashi kala vyas
जिंदगी एक ख़्वाब सी
जिंदगी एक ख़्वाब सी
डॉ. शिव लहरी
Loading...