Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

नम आँखे

सुहानी शाम कितनी हो
भरा हो प्रेम अंतस में ,
बिना तेरे लगे फीका
नहीं मन लागे उपवन में ।

कहा बेशक था हमने कि
बड़े शिद्दत से चाहा था,
सदी को त्याग कर मैंने
तुम्हे था दिल से अपनाया ।

प्रेम महलो का बासिन्दा
कभी भी हो नहीं सकता ,
सभी है जानते यह सच
कमल कीचड में है खिलता ।

दिवस भी धुंध सा लगता
उनीदी लगती है रातें ,
सरोवर जल से ठहरी नींद
जब होती नहीं बातें।

तेरी नम आँखों में आंसूं
नहीं बहते है क्यों करके,
किया है यत्न पर कितना
नहीं बेबस निकलते है।

घटा ना झूम के बरसी
नहीं सावन ही है आया,
कही फूलों के अश्कों ने
नहीं तुमको है भरमाया ।

बनी है दुर्ग वो पलकें
बने भौवें है पहरेदार,
निभाते अश्क भी रस्मे
बने जैसे हो रिश्तेदार।

यही करके तेरे आंसूं
कदाचित है रहे सिमटे ,
कही कमजोर न बन जाओ
रहे पलकों पे वे ठिठके।

जबकि जुल्म झेले है
वफ़ा से अपने ये ज्यादा ,
सहे अवसाद कितने फिर
भी पूरा किया वादा।

तेरी आँखे है नम क्यू आज
समझ आता नहीं मुझको ,
किसी ने दिल दुखाया या
किसी का दिल दुखा तुमसे।

173 Views
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

Ultimately the end makes the endless world ....endless till
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
Salman Surya
Student love
Student love
Ankita Patel
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
हरजाई
हरजाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
लगा समंदर में डुबकी मनोयोग से
लगा समंदर में डुबकी मनोयोग से
Anamika Tiwari 'annpurna '
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
ज़मीन से जुड़े कलाकार
ज़मीन से जुड़े कलाकार
Chitra Bisht
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
दिल दीवाना हो जाए (भाग-१)
दिल दीवाना हो जाए (भाग-१)
Dushyant Kumar Patel
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
- अपने पराए हो जाते -
- अपने पराए हो जाते -
bharat gehlot
*फागुन*
*फागुन*
Rambali Mishra
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
प्रतिभा का कितना अपमान
प्रतिभा का कितना अपमान
Acharya Shilak Ram
कलम ही नहीं हूं मैं
कलम ही नहीं हूं मैं
अनिल कुमार निश्छल
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
एकाकार
एकाकार
Shashi Mahajan
शरीर जल गया, मिट्टी में मिल गया
शरीर जल गया, मिट्टी में मिल गया
Sonam Puneet Dubey
*सबसे ज्यादा घाटा उनका, स्वास्थ्य जिन्होंने खोया (गीत)*
*सबसे ज्यादा घाटा उनका, स्वास्थ्य जिन्होंने खोया (गीत)*
Ravi Prakash
तन्हाई चुराने में पूरी ज़िंदगी निकाल दी गई,
तन्हाई चुराने में पूरी ज़िंदगी निकाल दी गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
आत्म विश्लेषण
आत्म विश्लेषण
Bindesh kumar jha
ख़्वाब तेरा, तेरा ख़्याल लिए,
ख़्वाब तेरा, तेरा ख़्याल लिए,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...