नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम का संयम, नमामि राम की गरिमा।
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भावमगन जन अवध पुरी के, राजकुँवर घर आएँगे।
सागर सुख के लहराएँगे, घट रीते भर जाएँगे।
गूँज रही धुन राम-नाम की, राम-नाम की जोत जली,
राम-नाम की नौका में सब, भव-सागर तर जाएँगे।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )