नमामि देवी नर्मदे
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।।नमामि देवी नर्मदे ।।
*नमामि देवी हर हर नर्मदे करते तुम्हें नमन ! !
शिव के पसीने से प्रगटी हो माँ करें आत्म चिंतन
*नर्मदा जल पवित्र पावन हो जाये जब दर्शन
सुख देने वाली सुखद अनुभव दे मगरमच्छ है इनका वाहन
* अमरकंटक से निकली हो तुम,मेखल की कन्या रेवा हो तुम
मध्यप्रदेश की जीवन रेखा , वृहद संगम इनकी पहचान हो तुम
* गंगा में तो डुबकी लगाते ,नर्मदा के जब हो जाये दर्शन
नर्मदा बहती कलकल छलकते बदलता रहता जीवन
* नर्मदा का वजूद सौन्दर्यता ,करते हुए सादर नमन
पथिकों की प्यास बुझाती ,दो बूंदो से कर दे निर्मल पावन
* नर्मदा का हर पत्थर कंकड़ शंकर ,कर लो नैनो से दिव्य दर्शन
विशाल ह्रदय साक्षात् दर्शन कर लो इनका पूजन अर्चन
* यूँ ही अचानक बदलता ही रहता ,समझ ना पाएं ये निर्ल्लज मन
मानवता भ्रष्ट हुई है बदल रही ये जीवन जल धारा पावन
* नर्मदा फिर भी बहती हुई अनंत जल धाराओं में
नर्मदा सब कुछ जानती है लेकिन यहीं पे लायेगी ये शरीर तनमन
?✨राधैय राधैय जय श्री कृष्णा ✨?
*** श्रीमती शशिकला व्यास ***
*# भोपाल मध्यप्रदेश *#