नमन
भारत देश को मेरा नमन
सदा प्रेम का पाठ पढ़ाता
युद्ध इसे कभी नहीं भाता
संस्कृति विहग है यह अपना
देश देश संस्कार जगाता जैसे जंगलों में हो चमन भारत देश को मेरा नमन
शीश सुशोभित हिम करीट से
चरणों में सागर लहराता
बाँहों में भर कर जलधारे
जन जन की यह प्यास बुझाता मोती-से चमके धवल तुहिन भारत देश को मेरा नमन
मेरे देश की मिट्ठी सोना
शस्य श्यामल इसका बिछोना
अम्बर इसका नीलवरण है
धन धान्य भरपूर सलोना ईश्वर इसका है जन जन भारत देश को मेरा नमन।