नमकीन पानी
सुखी रहने का आशीर्वाद देकर
किया था विदा,,
एक अनजान बस्ती में,,
काश थोडा वक्त ,,
उस बस्ती से
परिचित होने में तो लगाते बापू,,
तो आज
खून के आँसू
ना मैं बहाती
ना आपकी आँखों में होता
पश्चाताप का नमकीन पानी,,,,
सुखी रहने का आशीर्वाद देकर
किया था विदा,,
एक अनजान बस्ती में,,
काश थोडा वक्त ,,
उस बस्ती से
परिचित होने में तो लगाते बापू,,
तो आज
खून के आँसू
ना मैं बहाती
ना आपकी आँखों में होता
पश्चाताप का नमकीन पानी,,,,