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4 Jun 2020 · 1 min read

नभ से अमृत बरसे……….!

शाम सिंदूरी
छायी है काली घटा….
बरस रही है बदरिया….
रिमझिम फुहारों का आभास…
होने लगी तन मन शीतल …..
आगंतुक का है आने का आस….
बैठा हूं मै लेकर असीम प्रेम का विन्यास…
शाम सिंदूरी
छायी है काली घटा……
………….
शाम सिंदूरी
छायी है काली घटा………

(बिमल रजक)

Language: Hindi
2 Likes · 240 Views
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