नफ़रत की सियासत
यहां प्रजा पर तंत्र हावी है!
हर एक घोषणा चुनावी है!!
जो भड़काऊ भाषण दे रहा
वह तुम्हारा नेता भावी है!!
कुर्सी के लिए ही दंगे और
ज़ंग करवाए जाते अक़्सर
इंसानी लाशों से भरी हुई
कहीं गंगा तो कहीं रावी है!!
Shekhar Chandra Mitra
#युद्धविरोधीकविता #AntiwarPoetry
#कश्मीर #असम #सियासीशायरी