“नफरत सी हो गई हैं जज्बातों से”
नफरत सी हो गई है जज्बातों से,
बीते हुए दिन और गुजरी रातो से.
हर बार दिल ये धोखा खाता है मेरा,
तेरी बनावटी बातो से.
तू मेरा साथ देने के बहाने, मुझको हर पल झुकता रहा.
खुद सही होने के लिये, मुझको मेरी नजरों मे गिरता रहा.
माफ कर पर गिरता जा रहा है,
मेरी बरसती हुई आँखो से.
नफरत सी हो गई है जज्बातों से,
बीते हुए दिन और गुजरी रातो से.
तू मेरी परछई है हमेशा मेरे साथ रहेगा,
मेरे हर एक दर्द से तुझपे भी फर्क पड़ेगा.
मेरा ये घमंड भी एक पल मे टूट गया,
जब तू खुद ही मेरा दिल तोड़ गेरो के पास गया.
फिर भी कम्बख्त दिल ये मेरा हर बार पूछता है,
किया दर्द भी होता है तुमको मेरी तकलीफो से.
नफरत सी हो गई है, जज्बातों से,
बीते हुए दिन और गुजरी रातो से.