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16 May 2023 · 1 min read

नफरत की आग

नफरत की आग

नफरत की आग लगा हवा दे रहे हैं जो लोग,
नहीं जानते कितना खतरनाक है यह प्रयोग ।

देश जल रहा है हर तरफ नफरत की आग में
अब फूल नही खिलते यहां वतन के बाग में ।

अहंकार सोचने नहीं देता दुष्परिणामों को,
नहीं देखते अपने गिर जाने के आयामों को ।

खुद उसी आग की जद में हैं वो नहीं मानते ,
हवा दिशा कब बदल जाएगी नहीं जानते ।

हवा का रुख सदा एकसा नहीं रहता,
चोट देने से पहले वक्त सावधान नहीं कहता।

शायद वो तभी समझेंगे और पछतायेंगे,
जब अपनी ही लगाई आग में जल जाएंगे ।

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