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5 May 2020 · 1 min read

नफरत की आग

नफरत की आग दिल में लगाते रहोगे
दिल अपना खुद का यूँ जलाते रहोगे

इस तरह जलने से राख है मिलती
कब तक दिल में कालिख बनाते रहोगे

जिंदगी कुछ इस तरह इम्तिहान लेती
तीखे शब्दो के तीर तुम चुभाते रहोगे

शब्दो के तीरो से छलनी हुआ दिल
कब तक यूँ तुम दिल को मनाते रहोगे

करते हो “नवल” तुम उससे मोहब्बत
यह बाते कब तक तुम छिपाते रहोगे

निहाल छीपा “नवल”
गाडरवारा

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 541 Views
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