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20 Feb 2022 · 1 min read

नफरतों के शहर मे मैने बनाया है बसेरा

बाग में मैं वो भी पौधे सींचता हूँ
जो करें काँटों से घायल बदन मेरा
नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा

बच्चों पर किलकारियाँ मैं फेंकता हूँ
अपंगों को लाठियां मैं बेचता हूँ
हांथ जिनके हुये हैं लाचार उनको
हांथ बनके डंडा उनका टेकता हूँ
ऐसे लोगों से भी हूँ मैं प्यार करता
कर दिया है जिनने बेड़ा गर्क मेरा
नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा

दुश्मनों के लिए तो मैं हूँ कटारी
आग के शोलों पे मैं हूँ बर्फ़बारी
रात है आतंक की पलती जहाँ पर
मैं उगाता हूँ वहाँ पर फसल प्यारी
उगलते हैं विष जहाँ विषधर भयंकर
है वहीं अमृत का कारोबार मेरा
नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा

आग मे जौहर है जिनने दिखाया
प्राण देकर भी बचन जिनने निभाया
देश की रक्षा की खातिर जिनने अपना
माँग का सिंदूर भी हँसकर मिटाया
वीरांगनाओं का जहाँ बसता मोहल्ला
वहीं मैं सिंदूर ले करता हूँ फेरा
नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा

बाग में मैं वो भी पौधे सींचता हूँ
जो करें काँटों से घायल बदन मेरा
नफरतों के शहर में मैने बनाया है बसेरा

Language: Hindi
Tag: गीत
262 Views

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