नन्हे नन्हे कदम बढ़ाए जा
नन्ने नन्ने कदमों को तू बढ़ाए जा
ऊंचे ऊंचे शिखरों पर ध्वजा लहराए जा
हिमालय की प्रचंड ,नदियों से गतिमान
अपने को बनाए जा
सरस्वती का ज्ञान ,में लक्ष्मी का कलश,दुर्गा की तलवार संघर्षों से जब हो सामना ले लेना यह सारे अवतार
आंधियां क्या चीज है तूफा से भी लड़ जाना
अविरल तिमिर से निकल प्रातः का रवि बन जाना