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1 Dec 2018 · 1 min read

नन्हें बच्चे प्यारे बच्चे

कितने प्यारे कितने सच्चे कितने हैं अनमोल,
इनकी प्यारी मुस्कान से खिल जाते कपोल।

नन्हीं नन्हीं किलकारी से गूँजता घर का आँगन,
इनकी उदासी से लागे सूना घर और पर आँगन।
कितने प्यारे………।
खिलखिलाती हँसी से खिल जाता तन मन,
इन के आगे फीके लगते,सब हीरे मोती और रत्न
कितने प्यारे……….।
नन्हें नन्हें कदमों के संग चले है मेरा मन,
डालें जब बाहों में बाहें, खिल जाता वन और उपवन।
कितने प्यारे………..।
तुझे पुकारूँ तुझे दुलारुँ तुझे बिठाऊँ संग,
मीठी बातें प्यारी बातें करें प्रेम प्रसंग।
कितने प्यारे………..।
कभी हँसाएं कभी रुलाएं अजब हैं इनके रंग,
समझ सका ना समझ सकेगा कोई इनके ढंग।
कितने प्यारे………..।
द्वारा रचित……… रजनीश गोयल
रोहिणी….. दिल्ली।
मोः 9971216567

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 352 Views
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