“नन्ही परी”
नन्ही परी हूँ मैं नन्ही परी,
जब दुनिया में आऊँगी खुशियाँ मैं लाऊंगी ।
मम्मी की प्यारी मैं, पापा की दुलारी मैं ।
बनकर रहूँगी, मैं नन्ही परी ।।
गुड़िया को अपनी मैं दुल्हन बनाकर
साखियों के संग में डोली सजाकर
अंगना में खेलूंगी, मैं नन्ही परी ।।
भैया के संग – संग जाऊंगी पढ़ने
बहनों के संग में घर को सजाऊंगी
खुशियाँ मैं घर मे बिखेरा करूंगी
नन्ही परी मैं हूँ नन्ही परी ।।
मम्मी की आंखों का मैं काजल बनूँगी,
पापा की आंखों का मैं तारा बनूँगी ।
भैया के हाथों में बाँधूगी राखी,
नन्ही परी मैं हूँ नन्ही परी ।।
शादी जो करके मैं जाऊं पिया घर,
सासू को मैं अपनी मम्मी बनाकर
ससुर को अपना मैं बापू बनाकर,
सेवा करूँगी, मैं नन्ही परी ।।
सपने अधूरे सब रह गए हैं फिर से,
अब न मैं जन्मउंगी, अब न मैं खेलूंगी ।
बेटे की चाह में चढ़ गयी बली फिर,
नन्ही परी एक नन्ही परी ।।
अमित गुप्ता