नन्ही गिलहरी
सरपट-सरपट दीवारों में,
कभी घर के आंँगन में,
दौड़ती फुर्तीली दिखाती,
सफेद काली भूरी धारियों वाली,
नन्ही सी प्यारी गिलहरी,
पतली दुबली छरहरी काया,
खूब छकाती कुछ पल सताती,
मतवाली चाल भी लुभाती,
खिड़की पर आ जाती,
छत पर टहलती,
तनिक भी न थकती,
टकटकी सी देखती,
पेड़ पर रहती,
सयानी बनती,
चंचलता है दिखाती,
रोंयेदार पूँछ को हिलाती,
गिलहरी बिखरे अनाज है खाती,
बच्चों को खूब है भाती ।
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**बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।