नन्ही कली
मेरे परिवार में नवजात शिशु आगमन पर काव्य प्रस्तुति :
उस नन्ही कली का मन उपवन में आगमन।
उसके कोमल स्पर्श से हृदय में अद्भुत स्पंदन।
उन नन्हे से हाथ पैरों का सुंदर आंदोलन।
उन गोल गोल नन्ही आंखों का विस्मित कौतुहल।
नव सृष्टि पदार्पण पर उसकी अव्यक्त जिज्ञासापूर्ण हलचल।
प्रसन्नभाव प्रदर्शित करती हुई उसकी वह स्मित मुस्कान।
मनोभावों को प्रकट करता उसका वह उद्वेलित क्रंदन।
नव आगमन से प्रफुल्लित समस्त परिवार जन।
नवकिरण जागृत बिखरे प्रसन्नता प्रपात हर मन।