नन्हीं बाल-कविताएँ
(१)
बिल्ली बोली म्याऊँ-म्याऊँ,
आ चूहे तुझे पकड़ मैं खाऊँ।
चूहा कहता कोशिश कर ले,
मौसी मैं तेरे हाथ न आऊँ।।
(२)
कौआ बोले काँव-काँव,
ढूँढे पेड़ों की ठण्डी छाँव।
पेड़ कहीं नजर न आये,
कैसे कौआ छाया पाये??
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ३१/०५/२०२२.