नदी के दो किनारे हम।
नदी के दो किनारे हम,
इस पार हम उस पार तुम,
मुमकिन न अपना मेल पिया,
अजब है किस्मत का खेल पिया,
चलना है साथ में नदी के धार संग,
हाथ उठाए आसमान में विरह के पुकार संग,
हताश निराश न होंगे हम,
साथ चलेंगे यूं ही जनम जनम,
सागर की गोद में मिल जाएंगे हम,
रूह की प्यास बूझाएंगे हम,
गले लगा के चूम कर माथे को,
जीवन का जश्न मनाएंगे हम।
Ranjeet……