Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2021 · 1 min read

नज्म

——————————————————-
अक्षर आग हो जाए कलम तलवार हो जाए।
उठेगा शायरी से दोहरे अर्थों का जब पर्दा।

गुजर जाते हैं घर के सामने से खोलकर पर्दा।
लगा देखा किया हमने वीराने में है सदा पर्दा।

खुशी में दु:ख में जीवन के हो मदिरापान से मस्ती।
बस शेर व शायरी से जिंदगी पर डाले रहो पर्दा।

नसीहत प्यार की देना किसी कातिल को है मुश्किल।
मसीहा कह के दे सकते गज़ब की चीज है पर्दा।

परेशान हों नहीं हमसे, करें हमसे से न यूं पर्दा।
कहीं महफिल न हो जाए सहमकर हमसे बेपर्दा।

जो कहते मान लेते हैं, यही एक चीज है उम्दा।
सभी खामोश हो जायेंगे जो उठ जाएगा पर्दा।
—–of 70s————————————–

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
मेरा तितलियों से डरना
मेरा तितलियों से डरना
ruby kumari
जिया ना जाए तेरे बिन
जिया ना जाए तेरे बिन
Basant Bhagawan Roy
it is not about having a bunch of friends
it is not about having a bunch of friends
पूर्वार्थ
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
Seema Verma
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
জীবনের অর্থ এক এক জনের কাছে এক এক রকম। জীবনের অর্থ হল আপনার
জীবনের অর্থ এক এক জনের কাছে এক এক রকম। জীবনের অর্থ হল আপনার
Sakhawat Jisan
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
*Author प्रणय प्रभात*
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग (कुंडलिया )
बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग (कुंडलिया )
Ravi Prakash
चिन्ता और चिता मे अंतर
चिन्ता और चिता मे अंतर
Ram Krishan Rastogi
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
उर्दू
उर्दू
Surinder blackpen
भारत की सेना
भारत की सेना
Satish Srijan
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
हरवंश हृदय
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
Ranjeet kumar patre
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
तुम्हें
तुम्हें
Dr.Pratibha Prakash
पसरी यों तनहाई है
पसरी यों तनहाई है
Dr. Sunita Singh
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मज़दूर
मज़दूर
Shekhar Chandra Mitra
"ऐनक"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...