नज्म अधूरी रहती है – डी के निवातिया
नज्म अधूरी रहती है
***
वायदे जब तक पूरे न हो हर कसम अधूरी रहती है
दो दिल जब तक न मिले हर रस्म अधूरी रहती है,
शेर कितने भी मुकम्मल क्यों न बन पड़े इश्क के,
गर हुस्न की तारीफ न हो तो नज्म अधूरी रहती है !!
!
डी के निवातिया